वायुयान ओवरहॉल प्रभाग, नासिक
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संक्षिप्‍त इतिहास

हिन्‍दुस्‍तान एरोनॉटिक्‍स लिमिटेड के वायुयान विनिर्माण प्रभाग, नासिक में आपका स्‍वागत है ।
वायुयान विनिर्माण प्रभाग, नासिक की वर्ष 1964 में मिग-21 वायुयान एवं के-13 प्रक्षेपास्‍त्र के अनुज्ञप्ति विनिर्माण के लिए स्‍थापना की गई ।
यह महाराष्‍ट्र राज्‍य के ओझर में स्थित है जो नासिक से लगभग 24 किलोमीटर तथा मुंबई से लगभग 200 किलोमीटर दूरी पर स्थित है ।
प्रभाग तभी से अन्‍य मिग प्रकारान्‍तरों जैसे मिग-21 ई7एफएल, मिग-21 एम, मिग-21 बीआईएस, मिग-27 एम तथा आधुनिक वायुयान सुखोई-30 एमकेआई का विनिर्माण एवं ओवरहॉल कर रहा है । इसके साथ-साथ प्रभाग अन्‍य रशियन मूल के वायुयान के लिए मरम्‍मत एवं अभिकल्‍प सहायता भी दे रहा है ।

नासिक प्रभाग 1,48,20,000 स्‍क्‍वेअर मीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है जिसमें आधुनिक संयंत्र/यंत्रसामुग्री/उपस्‍कर एवं संरचना है । इसके पास विज्ञान एवं प्रौद्योगिकीके विभिन्‍न क्षेत्रों में उत्कृष्‍ट रुप से अर्हता प्राप्‍त एवं प्रशिक्षित जनशक्ति है ।

सुखोई-30 एमकेआई वायुयान के विनिर्माण परियोजना से वायुयान प्रभाग, नासिक को दो प्रभाग यथा नई परियोजना सुखोई-30 एमकेआई की विनिर्माण गतिविधियों के लिए वायुयान विनिर्माण प्रभाग (एएमडी) तथा सुचारु कार्य एवं प्रचालनों के लिए मिग-21 प्रकारान्‍तरों एवं सुखोई-30 एमकेआई के मरम्‍मत एवं ओवरहॉलिंग गतिविधियों के लिए वायुयान ओवरहॉल प्रभाग (एओडी) में विभाजित किया गया ।
 
वायुयान ओवरहॉल प्रभाग, नासिक में 15 मई 2002 से स्‍वतंत्र रुप से कार्य करना प्रारंभ किया तथा वर्तमान में निम्निखिलित गतिविधियाँ कर रहा है -
  • मिग-21 वायुयान प्रकारान्‍तरों एवं उसके पुर्जों तथा रोटेबल्‍स का मरम्‍मत  एवं ओवरहॉल
  • मिग-27 एम के पुर्जों पुर्जों तथा रोटेबल्‍स का मरम्‍मत  एवं ओवरहॉल
  • मिग-21 बीआईएस के पुर्जों तथा रोटेबल्‍स का मरम्‍मत  एवं ओवरहॉल
  • आयु‍वर्धन, आशोधनों, स्‍थल मरम्‍मत  एवं जाँच के संबंध में एचएएल एवं गैर-एचएएल के रशियन मूल के बनाए गए वायुयानों को सहायता प्रदान करना ।     
  • विएतनाम, मलेशिया, पेरु, म्‍यांमार एवं रोमानिया को मिग पुर्जों का निर्यात करना
  • सुखोई-30 एमकेआई आरओएच एवं आशोधन  
अ‍ब तक प्रभाग ने मिग प्रकारान्‍तरों के लगभग 1800 वायुयानों को ओवरहॉल किया है । 6 दशकों से अधिक अनुभव प्राप्‍त इस प्रभाग ने वैश्विक बाजार में अपनी पहचान का एहसास पहले ही किया है तथा घरेलु तथा आंतरर्राष्‍ट्रीय बाजार के किसी भी चुनौती के लिए स्‍वंय को पूरी तरह तैयार किया है । प्रभाग के पास सुखोई-30 एमकेआई वायुयान के मरम्‍मत  एवं ओवरहॉलिंग की सुविधाएँ है तथा सुखोई-30 एमकेआई आरओएच गतिविधि के लिए पूरी तरह तैयार है ।

वर्तमान में प्रभाग के पास 900 कर्मचारी एवं 400 अधिकारी हैं ।
 
वायुयान का ओवरहॉल करना
प्रभाग ने पिछले 6 दशको में आधुनिक प्रौद्योगिकी एवं सुविधाओं सहित मिग प्रकारान्‍तरों के 1800 से अधिक वायुयान का ओवरहॉल किया है । । प्रभाग के पास सुखोई-30 एमकेआई वायुयान के मरम्‍मत  एवं ओवरहॉलिंग की सुविधाएँ है तथा सुखोई-30 एमकेआई आरओएच गतिविधि के लिए पूरी तरह तैयार है ।
प्रभाग के पास निम्‍ननुसार मुख्‍य रुप से पूरी तरह सुसजित सुविधाएँ उपलब्‍ध है –
  • वियोजन, संरचना एवं वायुयान का संयोजन
  • वायुयान पुर्जो/रोटेबल्‍स का मरम्‍मत /ओवरहॉल
  • कैनोपी मरम्‍मत /ओवरहॉल हीट ट्रीटमेंट/सरफेस ट्रीटमेंट/पेन्टिंग
  • अंतिम संयोजन/वायुयान को तैयार करना, वायुयान का उड़ान परीक्षण
  • वायुयान का उड़ान परीक्षण
  • रबड एवं प्‍लास्टिक पुर्जों का विनिर्माण
  • केन्‍दीय प्रयोगशाला/स्थिर परीक्षण प्रयोगशाला
  • हवाई यातायात नियंत्रण
  • मिग-21 वायुयान राडार यूनिट ‘’कोप्‍यो प्रयोगशाला’’ के लिए कार्ड स्‍तर मरम्‍मत /ओवरहॉल सुविधा
  • सुखोई-30 एमकेआई वायुयान के ईंधन टैंक रिसाव जाँच सुविधा
  • सुखोई-30 एमकेआई के लिए लैंडिंग गियर आरओएच सुविधा
  • हवाई अड्डा टर्मिनल एवं टर्मिनल भवन
पुर्जों की श्रेणी
  • कोप्‍यो यूनिट कार्ड मरम्‍मत  
  • ट्रान्‍समीटर (ब्‍लॉक -2)
  • मिग-21 एम नियंत्रण सरफेस का संरचनात्‍मक मरम्‍मत  
  • वायुयान का वियोजन
  • वायुयान का रंग निकालना एवं रंग देना ।
  • मिग-21 वायुयान प्रकारान्‍तरों एवं उसके पुर्जों तथा रोटेबल्‍स का मरम्‍मत  ओवरहॉल
  • मिग-27 एम के पुर्जों तथा रोटेबल्‍स का मरम्‍मत  ओवरहॉल
  • मिग-21 बीआईएस का उन्‍नयन एवं मरम्‍मत  एवं ओवरहॉल
  • सुखोई-30 एमकेआई लैंडिंग गियर्स का आरओएच
  • स्‍थलीय मरम्‍मत 
इस प्रभाग द्वारा भारतीय वायुसेना के मरम्‍मत डिपो पर वायुयानों की स्‍थलीय मरम्‍मत किए जाने हेतु स्‍थलीय मरम्‍मत टीम भेजी जाती है ।
  • दोष की जाँच-पड़ताल/न्‍यूनता विश्‍लेषण –
इकाईयों से समयपूर्व प्रत्‍याहरित रुप से प्राप्‍त पुर्जों को एकत्रित कर उनका अध्‍ययन किया जाता है एवं दोष/न्‍यूनताओं के कारणों की जाँच-पड़ताल की जाती है । इसी प्रकार के बारम्‍बार प्राप्‍त मामलों को गहन अध्‍ययन किया जाता है एवं भविष्‍य में ऐसे दोष/न्‍यूनताओं को कम किए जाने हेतु इकाईया में आशोधन किए जाते हैं ।
  • उत्‍पाद प्रशिक्षण
इस प्रभाग द्वारा उत्‍पादों का पूरी तरह उपयोग करने के उद्देश्‍य से ग्राहकों के लिए विशिष्‍ट क्षेत्रों में विभिन्‍न प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है । इन कार्यक्रमों मे शस्‍त्र प्रणालियाँ, स्‍वचलित पाइलट प्रणालियाँ, विद्युत प्रणालियाँ एवं हाइड्रोलीक प्रणालियाँ सम्मिलित है ।
  • सेवा अभियंताओं की तैनाती
इस प्रभाग द्वारा ग्राहकों की आवश्‍यकताओं को करीब से जानने एवं समझने के लिए भारतीय वायुसेना के विभिन्‍न मरम्‍मत डिपो में सेवा अभियंताओ को तैनात किया जाता है । इन सेवा अभियंताओं से प्राप्‍त प्रतिपुष्टि के आधार पर, प्रभाग द्वारा उत्‍पादों का पूरी तरह उपयोग किए जान हेतु पर्याप्‍त सहायता प्रदान की जाती है ।
 
अधिशासी निदेशक (एएमडी/एओडी)
हिन्‍दुस्‍तान एरोनॉटिक्‍स लिमिटेड
 
वायुयान ओवरहॉल प्रभाग (एओडी), नासिक
ओझर टाऊनशिप डाकघर,
नासिक जिला,
महाराष्‍ट्र राज्‍य, भारत
पिन कोड 422207
 
दूरभाष : +91 2550- 275883
फैक्‍स : +91 2550 - 275881